सोमवार, जनवरी 24, 2011

मूलांक 6 के लोगोँ का चरित्र


( आप अपना मूलांक अपनी जन्म की तारीख से ज्ञात कर सकते हैं. इसके लिए आप अपने जन्म की तारीख के सभी अंकों को आपस में जोड़ दीजिए. जैसे अगर आपकी जन्म की तारीख 21 मई है, तो यहाँ मई से कोई लेना-देना नहीं है. आप सिर्फ तारीख 21 के अंकों को आपस में जोड़ दें, तो आपका मूलांक तीन ( 2+1=3 ) होगा. किसी का भी मूलांक ज्ञात करने के लिए आपको अंकों को बार-बार जोड़ कर केवल एक अंक वाली संख्या प्राप्त करनी है. वही एक अंक वाली संख्या आपका मूलांक होगा. जैसे अगर किसी की जन्म तारीख 29 है तो उसका मूलांक दो (2+9=11) , (1+1=2) होगा. )

जन्म तारिख:-  6, 15, 24

अंक का स्वामी ग्रह:-  शुक्र

विशिष्ट समय:-  21 अप्रैल से 20 मई तक तथा 21 सितम्बर से 20 अक्टुबर

विशिष्ट वार:-  बुधवार तथा शुक्रवार

6 अंक वाले के लिये मंगल, बृहस्पति, और शुक्र दिन सही है. यदि इनका अंक 3, 6, 9 हो तो और भी अच्छा है. इन्हे अपने काम 6, 15, 24, या फिर 20 अप्रैल से 27 मई और 21 सितम्बर से 29 अक्टुबर के मध्य अपने काम शुरु करने चाहिये.
इस मुलांक के व्यक्तियो का स्वामी शुक्र है. इस ग्रह मे चुम्बकीय गुण है. इसलिये इस ग्रह के लोग दुसरे व्यक्तियों को अपनी ओर आकृष्ट कर लेते है. शुक्र कामदेव का प्रतीक है. इस मुलांक वाले रति क्रियाओं मे चतुर होते है. स्त्रियों से ही नही सभी सुन्दर वस्तुओं से भी प्यार करते है. इनमे मौलिक प्रेम भावना होती है, जिसे मा के प्यार की संज्ञा दी जा सकती है. ऐसे व्यक्ति तो रोमांटिक होते ही है परंतु मुख्य भावना सौन्दर्य – प्रेम की होती है. अच्छे मित्र और सुन्दर साज- सामान का इन्हे शौक होता है. कलापुर्ण चीजों से प्रेम प्रवृति के कारण ये स्वयं भी खुब सजे- धजे रहते है. फुहड़पन और गन्दी चीजें इन्हे पसन्द नही है.सुन्दर लोग स्वत: इनकी ओर आकृष्ट हो जाते है.

विशेषतायें :-
ॐ. इस अंक वाले लोग 5 मुलांक के अलावे सभी अंक वाले लोगों से मित्रता बनाने मे सक्षम है.
ॐ. इनके मुख पे हमेशा मुस्कुराहट होती है. इसी के बल पे ये दुसरो को अपना बना लेते है, परंतु इनके मन का रहस्य जानना बहुत ही मुश्किल होता है.
ॐ. आप स्वाभाव से बहुत ही चंचल है. एक विषय पर अधिक देर तक चिंतन नही कर सकते. आपको घुमने फिरने मे अधिक रुचि है और इस प्रकार के काम मे आपको सफलता भी मिलती है.
ॐ. आप जिन्हे भी प्रेम करते हो, उसके लिये सबकुछ करने को तैयार हो जाते हो.
ॐ. वैसे आप उतने धनी नही होते है परंतु खुले हाथो से खर्च करते है.
ॐ. आप ज्याद समय तक अकेले नहीं रह सकते
है.आपको मित्र मण्डली का सहारा लेना पड़ता है.
ॐ. सजना सवरना आपको अच्छा लगता है. आधुनिक कपड़ो का आपको शौक है.
ॐ. जब इनको क्रोध आता है तो ये किसी प्रकार का विरोध सहन नही करते है.
ॐ. श्वेत कपड़ो से इन्हे बहुत लगाव है और ऐसे वस्त्र इन पर बहुत फबते है.
ॐ. आप विलासिता और सुन्दरता की सामग्री जुटाते रहते है.
ॐ. अपने मकान को खुब सजा के रखते है. आतिथ्य सत्कार मे आपको बहुत मजा आता है.

स्वाभाव और गुण :-
अपने किसी भी योजना को कार्यांन्वित करने मे आप दृढ़ होते है. या युं कहें कि आप काम के लिये समर्पित होते है. शुक्र नक्षत्र से प्रभावित होते है परंतु आपका प्रेम इन्द्रियपरक होने की अपेक्षा मातृत्व भावयुक्त होता है. प्रेम के मामले मे ये रोमांटिक होते है और आदर्शवाद की ओर इनका झुकाव होता है. कुछ स्थितियो मे इनमे शुक्र की बहुत विशेषताये होती है, जैसे सौन्दर्य से प्रेम, कलात्मक भवनो के निर्माण मे एवं संगीत के प्रति रुझान आदि .. यदि इस अंक के व्यक्ति सम्पन्न हों तो उनका कला व कलाकारो के प्रति आदर दिखता है. आप अपने मित्रो को प्रसन्न करने और मनोरंजन करने मे विश्वास करते है. यदि आप गुस्से मे हों तो विपक्ष को सहन नही कर सकते है. आप जिस भी कार्य के विरुध हो जाते है या जिस भी व्यक्ति के पीछे पड़ जाते है उससे जीवन भर झगड़ते रहते है.

सावधानी ; -
किसी न किसी प्रकार की कमी या दोष तो हर इंसान मे होता है. यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने दोषो को जान कर उसमे सुधार करें तो और ज्यादा सफल हो सकते है. मुलांक 6 वाले भी अपवाद नही है. इसको भी कुछ सावधानी रखनी चाहिये.
1. किसी भी नशे की आदत को सीमा से अधिक न करें. अगर सम्भव हो तो ना ही करें.
2. उतावलेपन से बचें. हर बात को समझने की कोशिश करें.
3. स्त्री जाति को अधिक महत्व ना दें, अधिक भोग – विलासिता के चक्कर मे ना पड़े. स्त्री जाति से ज्यादा सम्पर्क आपके लिए घातक साबित हो सकता है.
4. आपको अत्यंत मोटापे के कारण परेशानी हो सकती है.
5. हर बात पर बेकार मे ना अड़े. कभी कभी दुसरो की भी बात मान लिया करें.
6. किसी पर भी आसानी से भरोसा ना करें. उसके गुण अवगुण पर को देख कर भरोसा करें.
7.बदले की भावना मे फस कर अपने लक्ष्य से ना भटकें.

देवता, ध्यान, और व्रत- उपवास :-
इस अंक के पुरुषो को कीर्तवीर्याजुन नामक देवता की पुजा और स्त्रीयों को शुक्रवार को संतोषी माता की पुजा करनी चाहिये. इस दिन खट्टा तथा चटपटा भोजन नही करना चाहिये. पुरुषों को भी चाहिए कि संतोषी माता की पुजा करनी चाहिये.